संत कबीर नगर। जनपद के उत्तरांचल में अशिक्षा रूपी अंधकार को हटाकर शिक्षा की अलख जगाने का कीर्तिमान स्थापित कर क्षेत्र अंतर्गत भारतदेश के भविष्य को एक स्वर्णिम अवसर और बेहतर प्लेटफार्म देकर समाज में आदर्श स्थापित करने वाले प्रेम देवी एजुकेशन एकेडमी के संस्थापक अध्यक्ष चंद्रशेखर पांडे ने प्रेमा देवी एजुकेशन एकेडमी में सोमवार को बतौर मुख्य अतीत फीता काटकर पांच दिवसी वार्षिक खेल प्रतियोगिता का उत्साह से लबरेज छात्राओं के तालिया की गड़गड़ाहट के बीच भव्य उद्घाटन किया वही संस्थापक अध्यक्ष के सपनों के खाखे में रंग भरने वाली विद्यालय की कुशल प्रबंधन निर्देशक श्रीमती अंजना पांडे ने शांति का प्रतीक सफेद कबूतर उड़ाकर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया पांच दिवसी चलने वाली वार्षिक प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने काफी उत्साह के साथ प्रतिभा किया।

ज्ञात हो कि जनपद के उत्तरांचल में दूरदर्शी सोच और सेवा भाव को लक्ष्य बनाकर वरिष्ठ समाजसेवी जन नेता क्षेत्र की अशिक्षा को दूर कर शिक्षा का प्रकाश फैलाने का सपना दो दशक पूर्व देखा था अपने सपने को साकार करने के लिए वर्ष 2005 में डिग्री कॉलेज और वर्ष 2009 में प्रेम एजुकेशन एकेडमी की स्थापना किया था शुरुआती दौर में सामाजिक आर्थिक और प्राकृतिक समस्याएं संस्थापक अध्यक्ष चंद्रशेखर पांडे के लक्ष्य को सफलता के पूर्व ही मार्ग से भटकाने की तमाम कोशिशें की लेकिन दृढ़ संकल्प और समाज के लिए अच्छी सोच का संकल्प को हथियार बनाकर निरंतर से आगे बढ़ने का जुनून उन्हें लक्ष्य प्राप्त के पहले रोक ना सका बीतते वक्त ने पूर्व में रोपे गए छोटे से अंकुरित बीज को विशाल बट वृक्ष बना दिया और 15 वर्ष के अंदर यह शिक्षण संस्थान क्षेत्र की तमाम प्रतिभाओं को तराश कर कांच से कोहिनूर बना दिया वार्षिक प्रतियोगिता के पहले दिन संस्थापक का अध्यक्ष ने फीता काटकर मौजूद बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल मनुष्य के जीवन का महत्वपूर्ण अंग है खेल से जहां शरीर स्वस्थ रहता है वही खेल से आपसी भाईचारा भी कायम होता है और समाज में फैले भेदभाव को खत्म करने में मदद मिलती है उन्होंने कहा कि खेल के मैदान में जब कोई खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करता है तो अन्य साथी खिलाड़ी उसे अपने कंधे पर उठा लेते हैं बगैर यह देखें कि वह किस जाति और धर्म का है उन्होंने खिलाड़ियों से आग्रह किया कि खेल खेलते समय प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए लेकिन गलत भावना से खेल में कभी शामिल नहीं होना चाहिए अपने संबोधन में प्रबंध निदेशक श्रीमती अंजना पांडे ने कहा कि खेल के माध्यम से दबी प्रतिभाएं बाहर आती हैं और खिलाड़ी का आत्मविश्वास बढ़ता है उन्होंने प्रतियोगिता में प्रतिभा करने वाले खिलाड़ियों से कहा कि खेल में हमेशा धैर्य बना कर खेलें और इसे अपने जीवन की दिनचर्या में शामिल करें एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता और एक हार से किसी का रास्ता बंद नहीं होता जीत से खिलाड़ियों को कभी गर्व नहीं करना चाहिए और एक हार से कभी निराश नहीं होना चाहिए इस मौके पर शांति हाउस और धर्मा हाउस के बीच बालकों की कबड्डी प्रतियोगिता हुई वहीं प्रेम हाउस और शांति हाउस के बीच में बालिकाओं की कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जबकि रास्ता काशी में प्रेम हाउस तथा शांति हाउस के बीच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जबकि खो खो प्रतियोगिता में शांति हाउस और धर्म हाउस के प्रतिभागियों ने भाग लिया मौके पर आनंद संतोष विशाल प्रदुम सत्य प्रकाश कंचन बंदना समय तमाम लोग मौजूद रहे।

“अखिलेश यादव”


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