जिला ब्यूरो राहुल सिंह चौहान
बदनावर – बोराली में चल रही जायसवाल परिवार में भागवत कथा के द्वितीय दिवस की शुरुआत यजमान अनुप जायसवाल व सहपत्नि आरती जायसवाल द्वारा भागवत आरती और विश्व शांति के लिए प्रार्थना की गई कथा की शुरुआत में परम पूज्य पंडित महेशचन्द्र शर्मा जी द्वारा बताया की कई लोग कहते है की हमारे शास्त्रों और ऋषि मुनियों के द्वारा बताये गए भक्ति के मार्ग एवं साधनो का पालन करने के बाद भी हमें ईश्वर की प्राप्ति क्यों नहीं होतीईश्वर में अटूट भक्ति से ही मनुष्य का मृत्यु का भय जाता रहता है, इसी से संसार से वैराग्य होता है और फिर प्राणी निर्भय हो कर संसार में रह सकता है, संसार में मनुष्य के लिए सबसे बड़ी कल्याण प्राप्ति यही है कि उसका चित्त उन परमात्मा की भक्ति में सतत लगा रहे पंडित जी ने बताया कि एक एक बार माता अनुसूया की परीक्षा लेने देवता उनके पास आए तब देवी अनसूया ने उन त्रिदेवों को छोटा शिशु बना दिया पीछे देवियों ने प्रार्थना की तब अनसूया ने उन त्रिदेवों को अपने मूल रूप में लौट आया इस प्रकार मां सती अनुसूया के नाम से प्रख्यात हुई तथा कालान्तर में भगवान दतात्रेय रूप में भगवान विष्णु का, चन्द्रमा के रूप में ब्रह्मा का तथा दुर्वासा के रूप में भगवान शिव का जन्म माता अनुसूया के गर्भ से हुआ ऐसी देवी अनसूया हमारा आदर्श होनी चाहिए किंतु दुर्भाग्य है है कि आज के इस संसार में स्त्रियां पाश्चात्य सभ्यता के वशीभूत होकर ऐसे दिव्य आत्मा के चरित्र को भूल बैठी कथा को आगे बढ़ाते हुए अनसुया माता प्रश्न प्रसंग का भी सुंदर वर्णन किया

कथा के दौरान बोराली और आसपास क्षेत्र से बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे हारमोनियम पर पंडित श्री मयंक जी शर्मा ने वायलिन पर सुरेश जी मास्टर ने स्वर साधन किया तबले पर किशन धाकड़ एवं ढोलक पर भारत भाई सोनगरा एवं पेड पर कमलेश ने समां बांधा पंडित शुभम जी शर्मा एवं पंडित श्याम जी शर्मा ने मूल भागवत का पारायण किया कथा आयोजक विष्णुलाल जायसवाल परम पुज्य रमेशचंद्र अग्रिहोत्री, पप्पू जायसवाल, राधेश्याम जायसवाल, छोगालाल जायसवाल,संजय जायसवाल, राजेश जायसवाल आदी भक्त जन उपस्थित थे

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