उत्तराखंड क्षेत्र में कई जगहों पर जमीन धंसने और मकानों में दरारें पड़ने के खतरे के बीच प्रधानमंत्री कार्यालय जोशीमठ संकट पर रविवार दोपहर उच्च स्तरीय बैठक करेगा।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।

जोशीमठ के जिला अधिकारियों के अलावा उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक में शामिल होंगे।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लगभग 600 प्रभावित परिवारों को तत्काल खाली करने का निर्देश देने के एक दिन बाद जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए शनिवार को जोशीमठ का दौरा किया था।

धामी ने कहा कि जोशीमठ सांस्कृतिक, धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है और इसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

जोशीमठ, बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों और अंतर्राष्ट्रीय स्कीइंग गंतव्य औली का प्रवेश द्वार, भूमि अवतलन के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है।

इसी बीच, उत्‍तराखंड सरकार ने जोशीमठ के भूमि धसन प्रभावित 600 परिवारों को किराया देने का फैसला लिया है। 4000 रुपए प्रति माह का मानदेय 6 माह तक प्रभावित परिवारों को मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को सचिवालय में जोशीमठ में हो रहे भू-धसाव से संबंधित बैठक में आयुक्त गढ़वाल मण्डल, सचिव आपदा प्रबंधन एवं जिलाधिकारी चमोली से हालात पर ग्राउंड रिपोर्ट लेकर अतिशीघ्र सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाने व डेंजर जोन को तत्काल खाली करवाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही सेक्टर और जोनल वॉर योजना बनाने एवं अविलंब आपदा कंट्रोल रूम एक्टिवेट करने के लिए निर्देश भी जारी किए गए हैं। मुख्‍यमंत्री, जोशीमठ क्षेत्र का अधिकारियों से लगातार अपडेट ले रहे हैं।


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By admin

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