इस्लाम में रोजा, नमाज के साथ हज भी अहम रुकन है। हज मुबारक पर जाने का हर एक मुसलमान का सपना होता है, लेकिन यह अब आसान नहीं रह गया है। कोरोना संक्रमणकाल के बाद हज यात्रा के लिए नियम सख्त हो गए हैं। 65 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्ति की हज यात्रा पर सऊदी सरकार की ओर से ही रोक लगा दी गई। वहीं हज यात्रा भी काफ़ी महंगी हो गई है और भारत सरकार द्वारा दी जा रही हज सब्सिडी को भी कई साल पहले ही बैंड कर दिया गया जिसकी वजह से अब हज यात्रा के लिए चार लाख रुपए से लेकर छः लाख तक की मोटी रक़म खर्च करनी पड़ती है । कोविड नियमों का पालन करने के लिए कई शर्तें लागू हैं। हज यात्रा के लिए भारत सरकार को दिया गया कोटा पूरा नहीं हो सका।
कोरोना की दहशत और हज कमेटी आफ इंडिया के नियमों की वजह से हज यात्रियों की तादाद कोटे से भी कम रही। हज यात्रा के लिए जून से फ्लाइट सऊदी अरब के लिए उड़ान भरेंगी, लेकिन अभी तक जिले में हज प्रशिक्षण शुरू नहीं हो सका है। कोरोना के कारण पिछले दो साल से हज यात्रा बंद चल रही थी।
इस बार सऊदी अरब से हज के लिए अनुमति मिली है। उत्तर प्रदेश के लिए हज यात्रियों का कोटा 8900 है, जिसके मुकाबले इस वर्ष 8701 आजमीन ही हज यात्रा पर जा सकेंगे। कोटे से भी कम आवेदन होने पर कुर्रा (लाटरी) नहीं हुआ।
आवेदन करने वाले प्रदेश के सभी आजमीन हजयात्रा पर जा सकेंगे, हज यात्रियों ने 81 हजार रुपये की पहली और 1.20 लाख रुपये की दूसरी किश्त जमा की है। अभी तीसरी किश्त भी जमा होगी। हज यात्रा शुरू होने के लगभग क़रीब है लेकिन अभी तक हज कमिटी की लापरवाही और सुस्ती की वजह से ना तो हज यात्रियों को कोई किसी प्रकार को सूचना मिल रही है और ना ही हज की ट्रेनिंग की कोई व्यवस्था की गयी है । भदोही ज़िला हज कमिटी के सदस्य भी बिलकुल बेपरवाह है और सिर्फ़ सदस्य बन के बैठे हुए है।


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By admin

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