शिमला। हिमाचल में कांग्रेस की जीत ने एक बार फिर से उन्हे भारतीय राजनीति में पैर जमाने का मौका दे दिया है. लेकिन कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो कांग्रेस को खुश होने की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि हिमाचल ने रिवाज के अनुसार ही कांग्रेस को जीत दिलवाई है। इसमें कांग्रेस की रणनीति का किसी भी प्रकार का कोई योगदान नहीं है। हम आपको बता दें कि, हिमचाल में पिछले कई दशकों से किसी भी राजनीतिक दल ने लगातार दो बार जीत हासिल नहीं की है।

तो उत्तराखण्ड में ऐसा ही होता

हिमाचल की तरह उत्तराखण्ड में भी सरकार दोहराने का रिवाज नहीं है लेकिन भाजपा ने इस रिवाज को तोड़ते हुए वहां पर सरकार दोहराने का काम किया इसलिए वर्तमान में रिवाज नहीं बल्कि रणनीति ही आपको जीत दिलवा सकती है। जैसा कि कांग्रेस ने हिमाचल में किया।
यदि रिवाज के अनुसार ही सत्ता चलती तो उत्तराखण्ड के साथ-साथ केरल में भी इस वक्त कांग्रेस की ही सरकार होती।

क्या थी रणनीति?

कांग्रेस ने चुनावी वादों और सरकार की विफलताओं को घर-घर पहुंचाने के लिए टीमों का गठन किया।
हिमाचल चुनावों के प्रचार के दौरान कांग्रेसी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करने से बचते नज़र आए।
केंद्र से प्रचार कर रहे नेताओं ने जनता को भरोसा दिलाया कि, घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा किया जाएगा।

महिला मतदाता एवं पेंशन योजना पर किया फोकस

कांग्रेस ने हिमाचल में महिलाओं के साधने के लिए अचूक रणनीति बनाई, उन्होने मतदाताओं के लिए हर घर लक्ष्मी अभियान को चुना। पार्टी कार्यकर्ताओं ने घर-घर जागकर योजना के फॉर्म भरवाए और पार्टी दफ्तर से उन्हे फोन करके बताया भी गया कि उन्हे फॉर्म मिल गया है। और सरकार के गठन के बाद उन्हे योजना का लाभ अवश्य मिलेगा। इस योजना के तहत महिलाओं को हर माह 1500 रुपए देने का वादा कांग्रेस ने किया। हम आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में महिलाओं की कुल आबादी 49.27 प्रतिशत है।


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By admin

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